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39वीं डब्ल्यूसीपी संपन्न कविता में दुनिया को बदलने की क्षमता शामिल : उपराष्ट्रपति
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Kalinga Institute of Industrial Technology

11 Oct, 2019, 12:35 IST

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भुवनेश्वर, भारत, 11 अक्टूबर 2019 /PRNewswire/ -- कविता में दुनिया को बदलने की क्षमता होती है। ये बात भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कीट में छह अक्टूबर को आयोजित 39वीं वल्र्ड कांग्रेस आफ पोएट्स (डब्ल्यूसीपी) के समापन सत्र में कही। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा, करुणा करुणा को भूल जाती है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण विचार, जब कविता के शक्तिशाली माध्यम से प्रचारित होता है, दुनिया को बदलने की क्षमता प्राप्त करता है। करूणा ही करूणा को जन्म देती है। जब कविता जैसी शक्तिशाली माध्यम से अत्यंत महत्वपूर्ण विचार प्रचारित होते हैं, तब उसमें दुनिया को बदलने की क्षमता शामिल हो जाती है।

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Valedictory function of 39th WCP
Valedictory function of 39th WCP

यह हमारे लिए गौरव की बात है कि यह सम्मेलन इस साल भारत के सुंदर और ऐतिहासिक राज्य ओडिशा में हो रही है। भाईचारा और शांति को बढ़ावा देने के लिए कविता को एक माध्यम के रूप में कल्पना करने के मैं स्वयं डा अच्युत सामंत की सराहना करता हूं। यह उनकी दूरदृष्टि ही है जिसकी वजह से विचारों, शब्दों, भाषाओं, लय और अर्थ के साथ हम सभी को एक छत के नीचे ला सकी है।

मेरा मानना है कि दया हम सभी के भीतर समाया हुआ है। हमें बस इसे महसूस करने की जरूरत है और निरंतर अभ्यास करना चाहिए जिससे यह हमारी आदत बन जाए। दया या करूणा में कविता केद्रित रहती है। आदि-काव्य रामायण के पहले छंद की शुरुआत 'मा निशाद के उच्चारण के साथ होती है। ऋषि वाल्मीकि के भीतर की करूणा ने ही एक पक्षी को जीवनदान देने के लिए एक शिकारी से दया की भीख मांगी थी। यह उनका एक अनमोल जीवन की क्षति पर 'शोक या निराशा ही था जो 'श्लोक या कविता बन गई। कविता गहरी भावनाएं व्यक्त, तेजस्वी छवियां उकेरतीं और सुंदर गीतों की रचना करते हुए सच्चाई को सुंदरता में घोल देती है।

जीवविज्ञानियों ने तर्क दिया है कि मानव विकास में रचनात्मकता का विकास सबसे महत्वपूर्ण कदम था, और यही समाज रचनात्मक व्यक्तियों के बगैर आगे नहीं बढ़ सकता है। विश्व कवि सम्मेलन जैसे आयोजन आपकी काव्य कृतियों को दुनिया के साथ साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इसके साथ ही मुझे भरोसा है कि यह आयोजन नवोदित कवियों को अन्य कवियों से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करेगा।

ओडिशा के राज्यपाल प्रो गणेशी लाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ओडिशा एक दिव्य भूमि है। दुनिया भर के आध्यात्मिकता के दार्शनिकों का दावा है किइस भूमि में मुक्ति दिलाने की शक्ति है। यह एक ऐसी भूमि है जहां हर कोई भगवान जगन्नाथ का प्रतिनिधि है। प्रभु कहते हैं, मैं यहां तुम्हें मुक्तिदिलाने के लिए हूं। इस भूमि की सुंदरता इसकी जाति-रहित, पंथ-रहित और रंगहीन प्रकृति है। इसके अलावा, मिठास, प्रेम और करुणा इस भूमि को समृद्ध बनाती है। जहां तक कविता का संबंध है, भगवान जगन्नाथ भी कवि हैं। दरअसल वह एक ऐसे कवि है, जो समाज में मृत व्यक्ति को भी जीवनदान दे दें।

केद्रीय एमएसएमई, पशुपालन और मत्स्य विभाग के लिए राज्य मंत्री प्रताप चंद्र षड़ंगी ने अपने संबोधन में कहा, ''मैं दुनिया भर से आए सभी कवियों के प्रति सम्मान ज्ञापन करता हूं। कविता दया का सागर होता है। दुनिया की सर्वप्रथम कविता वाल्मीकि से संबंधित है जिसे उन्होंने दुनिया की पीड़ा को देखते हुए एक कविता लिखी थी। विलियम वड्र्सवर्थ का कहना है कि कविता भावुकता और शांति में एकत्रित भावनाओं का प्रवाह है। कविता करुणा से आती है। हृदय की करुणा से कविता बनती है। कविता मनुष्य के दिल को छू जाती है और कवि स्वयं दिलों में राज करता है।

डब्ल्यूसीपी के अध्यक्ष डा मोरस यंग ने कहा, समय तेजी से आगे बढ़ता है। ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित 39 वां डब्ल्यूसीपी अब संपन्न हो गया। पिछले पांच दिनों में, हम ओडिशा की संस्कृति से प्रभावित रहे। यह कविता की भूमि है। मैने ओडिशा में कई प्रतिभाशाली युवा कवि देखे। यह डब्ल्यूसीपी के इतिहास में सबसे सुव्यवस्थित और सफल आयोजन रहा।

वल्र्ड एकेडमी आफ आर्ट एंड कल्चर के प्रथम उपाध्यक्ष प्रो अर्नेस्टो कहन ने कहा, मैं एक महान देश और महान लोकतंत्र भारत की भूमि में हूं। यह दुनिया में लोकतंत्र का देश है। यह कवियों का देश है। कीट व कीस के संस्थापक तथा 39वीं वल्र्ड कांग्रेस आफ पोएट्स के अध्यक्ष डा अच्युत सामंत ने स्वागत भाषण दिया। अन्य लोगों में वल्र्ड एकेडमी आफ आर्ट एंड कल्चर की महासचिव डा मारिया यूजेनिया सोबरानिस और ओडिशा सरकार के संस्कृति, ओडिय़ा भाषा व साहित्य तथा पर्यटन विभाग के लिए राज्य मंत्री ज्योति प्रकाश पाणिग्राही, और कीट डीम्ड विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रो सस्मिता सामंत उपस्थित रहे।

इस अवसर पर, डब्ल्यूसीपी का सर्वोच्च सम्मान 'गोल्डन गवेल से भारत के उपराष्ट्रपति ने डा अच्युत सामंत को सम्मानित किया, जबकि मानद डी लिट की उपाधि ओडिशा के राज्यपाल प्रो गणेशी लाल, विशिष्ट ओडिय़ा लेखक संतानु कुमार आचार्य और पूर्व सांसद, जानेमाने कवि व लेखक डा प्रसन्न कुमार पाटसानी को प्रदान किया गया।

इसके अलावा 'ट्रेजर ऑफ शॉर्ट स्टोरीज की लेखिका अनन्तिनी मिश्र को 'प्रोडिगी आथर सम्मान तथा 'द जर्नी ऑफ ए थाउजेंड माइल्स की लेखिका अत्मिका पटनायक को मोस्ट प्रोमिजिंग राइटर के सम्मान से सम्मानित किया गया।

KIIT के बारे में:

Kalinga Institute of Industrial Technology (KIIT) की स्थापना Dr. Achyuta Samanta द्वारा एक बहुवैषयिक विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी, जिसमें वर्तमान में भारत के कोने-कोने से तथा लगभाग 22 देशों से 25,000 छात्र एक लघु महानगर निर्मित करते हैं। KIIT 25 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में फैला है, जिसमें एक मिलियन वर्ग मीटर क्षेत्र सुंदर ढंग से निर्मित किया गया है। इसमें 28 स्कूल हैं, जो बेजोड़ पृष्ठभूमि में अविरल रूप से स्थित हैं, और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित परिसर के साथ विविध विषयों में स्नातक, परास्नातक, डॉक्टरेट तथा पोस्ट-डॉक्टोरल कार्यक्रमों में शिक्षा प्रदान की जाती है। संस्थान के शांत अकादमिक परिवेश को HRD मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा A श्रेणी प्रदान की गई है। यह विश्वविद्यालय न केवल UGC में NAAC प्रमाणित है बल्कि यह भारत के कुछ ऐसे चुनिंदा संस्थानों में शामिल है जिन्होंने इंजीनियरिंग विषयों के लिए AICTE के NBA द्वारा टियर 1 वॉशिंगटन अकॉर्ड (Washington Accord) प्राप्त किया है।

अधिक जानकारी के लिए देखें: http://www.kiit.ac.in

मीडिया संपर्क:
Dr. Shradhanjali Nayak
[email protected]
+91-9437020240
Director
PR, KIIT DEEMED TO BE UNIVERSITY

फोटो: https://mma.prnewswire.com/media/1009481/KIIT_Valedictory_Function.jpg
लोगो: https://mma.prnewswire.com/media/871544/KIIT_Logo.jpg

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