Aurora Energy Research: भारत की ₹10/kWh मूल्य-सीमा नवीकरणीय निवेश को कमजोर कर सकती है, पॉवर क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन को धीमा कर सकती है
मूल्य-सीमा तटीय पवन और बैटरियों के परिनियोजन को प्रतिबंधित करती है, जिसके परिणामस्वरूप ₹ 7 ट्रिलियन की संचयी थोक पॉवर लागत बढ़ जाती है और कोयला उत्पादन में वृद्धि के कारण 1% अधिक कार्बन उत्सर्जन होता है।
दिल्ली, भारत, 5 फरवरी, 2025 /PRNewswire/ -- Aurora Energy Research के भारत के लिए Power and Renewables Market Forecast में पाया गया है कि भारत के ऊर्जा बाजार में मौजूदा ₹10/kWh Day Ahead Market (DAM) मूल्य-सीमा के कारण 2025-2060 के बीच कोयला उत्पादन में वृद्धि के कारण कुल मिलाकर थोक पॉवर लागत में ₹7 ट्रिलियन की वृद्धि होगी और कार्बन उत्सर्जन में 1% की वृद्धि होगी।
यह तटीय पवन उत्पादन और बैटरी ऊर्जा भंडारण सिस्टम (BESS) परिसंपत्तियों के मूल्य हृास का परिणाम है।
चूंकि सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण का परिनियोजन मूल्य-सीमा के कारण बाधित है, इसलिए 2030-2060 के बीच पॉवर की औसत कीमतें 1% अधिक होंगी, जिसके कारण अगले 35 वर्षों में कुल थोक पॉवर की लागत में 7 ट्रिलियन रुपये के वृद्धि हो जाएगी। मूल्य-सीमा के कारण उत्सर्जन में भी वृद्धि होती है, क्योंकि सिस्टम में कोयला आधारित उत्पादन को अधिक समय तक बने रहने के कारण समान अवधि में अतिरिक्त 224 MtCO2e उत्सर्जन होता है। इसके अतिरिक्त, मूल्य-सीमा के संबंध में चिंताएं भी निवेशकों के विश्वास पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं, जिससे पॉवर क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रक्रिया धीमी पड़ सकती है।
Aurora Energy Research के भारत प्रमुख, Debabrata Ghosh कहते हैं: "भारत में पॉवर एक्सचेंजों पर मूल्य-सीमा का उद्देश्य पॉवर की लागत को कम करना/भारत के उपभोक्ताओं और उद्योग को उच्च मूल्य झटकों से बचाना है। हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि मूल्य-सीमा के परिणामस्वरूप, कम LCOE, ग्रीन टेक्नोलॉजी और बैटरी निर्माण बाधित होता है, जिससे पॉवर के पूरे सिस्टम की लागत बढ़ जाती है। वैश्विक स्तर पर, हमने थोक मूल्य-सीमा और खुदरा मूल्य-सीमा को अलग करने की कार्यप्रणालियाँ भी देखी हैं।"
Aurora Energy Research, में भारत के अनुसंधान प्रमुख, Ashutosh Padelkar, कहते हैं: "भारत को 2030 तक 500 GW जीवाश्म ईंधन-मुक्त पॉवर उत्पादन क्षमता के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अगले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होगी। इस निवेश को संभव बनाने के लिए निवेशकों का विश्वास और स्थिर विनियामक वातावरण महत्वपूर्ण हैं। मूल्य-सीमा में गिरावट के कारण बैटरियों और तटीय पवन ऊर्जा जैसी प्रमुख टेक्नोलॉजियों में निवेशकों का विश्वास कमजोर हो रहा है, जो सरकार के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।"
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AURORA ENERGY RESEARCH
2013 में स्थापित, Aurora Energy Research निवेश और वित्तपोषण निर्णयों के लिए पॉवर बाजार विश्लेषण की एक वैश्विक प्रदाता है। हमारा मुख्यालय ऑक्सफोर्ड में है तथा हम यूरोप, नोराम, लैटम, एशिया और ऑस्ट्रेलिया सहित पूरे विश्व में 16 कार्यालयों से कार्य करते हैं।

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