नोवा आईवीआई फर्टिलिटी ने लखनऊ में की अपने अत्याधुनिक केंद्र की शुरुआत
लखनऊ, भारत, January 30, 2018 /PRNewswire/ --
भारत की नंबर 1 फर्टिलिटी क्लिनिक श्रृंखला नोवा आईवीआई फर्टिलिटी ने आज लखनऊ में अपने नए केंद्र की शुरुआत की घोषणा की। शहर के मध्य में शहनजफ रोड, हजरतगंज में स्थित यह अत्याधुनिक केंद्र उत्तर प्रदेश में नोवा का पहला केंद्र है। अत्यधिक कुशल चिकित्सकों के साथ यह केंद्र पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए बांझपन उपचार से संबंधित सभी सेवाएं प्रदान करेगा, जिनमें काउंसलिंग, अल्ट्रासाउंड मॉनिटरिंग, पुरुष और महिला प्रजनन मूल्यांकन, आईयूआई, आईवीएफ, आईसीएसआई और डोनर प्रोग्राम शामिल हैं।
भारत में जनन क्षमता वाले आयु वर्ग के ऐसे जोडों की संख्या 27-30 मिलियन है, जो स्वाभाविक रूप से एक बच्चे को जन्म देने में असमर्थ हैं। बेतरतीब जीवन शैली, अस्वास्थ्यकर आदतों और मोटापे, कैंसर आदि जैसे अन्य रोगों के बढने के कारण बांझपन का दंश झेलने वाले जोडों की संख्या बढती जा रही है। इसके अलावा, अत्यधिक मानसिक और शारीरिक तनाव, देर से विवाह, धूम्रपान, आनुवंशिक विकार जैसे कारणों से भी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड रहा है। जाहिर है कि सेहत से जुडे मुद्दों में आज बांझपन चिंता का एक प्रमुख बनता जा रहा है और इस मुद्दे को दूर करने के लिए व्यापक रूप से उपचार की मांग की जा रही है।
नोवा आईवीआई फर्टिलिटी के डायरेक्टर डॉ मनीष बैंकर ने कहा, ''युवा विवाहित जोड़ों के बीच भी बांझपन बढ़ रहा है। यदि कोई दंपती एक वर्ष से बच्चे को जन्म देने की कोशिश कर रहा है और उसे सफलता नहीं मिल रही है, तो उन्हें समय पर चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, ताकि आगे की जटिलताओं से बचा जा सके। देर से शादी करने की बढ़ती प्रवृत्ति के साथ, महिलाओं का ध्यान इस तथ्य की तरफ नहीं जाता कि जब वे 35 साल की उम्र पार कर जाती हैं, तो उनकी प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। सही समय पर परिवार शुरू करने के लिए जरूरी है कि आप सही प्लानिंग करें।
नोवा आईवीआई फर्टिलिटी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर श्री नरेश राव ने कहा, ''भारत में असिस्टेड रेप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज (एआरटी) कई वर्षों में विकसित हुई है। तकनीकी प्रगति और विशेषज्ञ चिकित्सकों के कारण हम बांझपन के उपचार में अच्छी सफलता हासिल कर पाए हैं। हमें इस बात पर गर्व है कि भारत में उन्नत एआरटी तकनीकों जैसे- पीजीएस, पीजीडी और एमएसीएस का उपयोग करने में हम अग्रणी रहे हैं और इस दिशा में हमने पूर्ण नैतिक प्रक्रियाओं और उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं को अपनाया है। लखनऊ में हमारा केंद्र पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सर्वोत्तम-स्तर के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराता है। मैं लखनऊ शहर में अपने पहले केंद्र के शुभारंभ की घोषणा करते हुए बेहद खुश हूं, इसके सहयोग से हम दंपतियों को सबसे यादगार तरीके से संतान सुख देने में सक्षम हो पाएंगे।
समूचे भारत के 20 शहरों में अपनी मौजूदगी के साथ प्रजनन के इलाज में साक्ष्य आधारित दृष्टिकोण लेकर आगे बढ़ रहे नोवा आईवीआई फर्टिलिटी की योजना देश के दूसरे हिस्सों में भी तेजी से अपना विस्तार करने की है।
नोवा आईवीआई फर्टिलिटी के बारे में
फर्टिलिटी क्षेत्र में नोवा आईवीआई फर्टिलिटी (एनआईएफ) सबसे बडे सेवा प्रदाताओं में गिना जता है। नोवा आईवीआई फर्टिलिटी स्पेन के आईवीआई के साथ मिल कर भारत में आधुनिक असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) लाना चाहता है। इस साझेदारी से नोवा केी आईवीएफ सेवाओं और तकनीक जैसे प्रोपराइटरी सॉफ्टवेयर, ट्रेनिंग और क्वालिटी मैनेजमेंट में काफी बढोतरी हुई है। आईवीआई की जानकारी और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता के कारण नोवा आईवीआई फर्टिलिटी में भारत में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोसेस, प्रोटोकॉल और नीतियां उपलब्ध हैं।
कोर प्रोसेस जैसे आईयूआई, आईवीएफ और एंड्रोलॉजी के साथ ही नोवा आईवीआई फर्टिलिटी में कई अत्याधुनिक तकनीकें जैसे एम्ब्रियो और अंडों को सुरक्षित रखने के लिए विट्रीफिकेशन, एम्ब्रियो को स्वीकार करने की यूट्रस की टाइमिंग पता करने के लिए एम्ब्रियोस्कोप, आनुवांशिक रूप से सामान्य एम्ब्रियो के ट्रांसफर के लिए पीजीएस और पीजीडी आदि भी उपलब्ध है। ये सारी प्रकियाएं ऐसी हैं जो पहले आईवीएफ और आईसीएसआई के बाद गर्भधारण की सम्भावनाओं को और भी बेहतर बनाते हैं। नोवा आईवीआई फर्टिलिटी के भारत में अभी 20 फर्टिलिटी सेंटर हैं। इनमें अहमदाबाद-2, बैंगलुरू-3, चेन्नई, कोयम्बटूर, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, कोलकाता, लखनऊ और मुम्बई (2), नई दिल्ली में 2 और पुणे, सूरत, विजयवाडा में 1-1 फर्टिलिटी सेंटर शामिल हैं।
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