IICMA (Indian Ice-Cream Manufacturers Association) ने आइस-क्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट की कीमतें बढ़ने की भविष्यवाणी की
बढ़ती कीमतें और SMP (Skimmed Milk Powder) की कमी को इसका कारण बताया गया
अहमदाबाद, भारत, 17 जनवरी, 2020 /PRNewswire/ -- आइसक्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट निर्माताओं को Skimmed Milk Powder (SMP) प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है क्योंकि बाजार में स्टॉक उपलब्ध नहीं है और इसकी यूनिट कीमत अचानक बढ़ गई है। और यह Skimmed Milk Powder (SMP) आइस-क्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट बनाने के लिए एक ज़रूरी महत्त्वपूर्ण संघटक है। IICMA (Indian Ice-Cream Manufacturers Association) ने संक्षेप में कुछ बिंदु प्रस्तुत किए हैं जो आइसक्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट की मौजूदा स्थिति दर्शाते हैं:
- 2018 में SMP की औसत दर रु. 150/किग्रा थी।
- पिछले 4-5 वर्षों के दौरान औसत दर रु. 180 से रु. 200/किग्रा रही है।
- जनवरी 2019 से रोजाना दरें बढ़ते हुए रु. 180 से अब रु. 330/किग्रा तक पहुंच गई हैं।
- इस समय SMP की अंतर्राष्ट्रीय दर रु. 200/किग्रा है।
- जब भारत ने RCEP से बाहर रहने का फैसला किया तो SMP की दर भारत में रु. 20/किग्रा बढ़ गई।
- IICMA के सदस्यों ने कहा कि भारत में रु. 330/किग्रा. की मौजूदा दर पर भुगतान करने के बावजूद भी आइसक्रीम निर्माताओं को बाजार में SMP की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
- IICMA को चिंता है कि इस फ्लश सीजन में यह स्थिति देखते हुए, गर्मी के सीजन में SMP की उपलब्धता की स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है
- उन्होंने यह भी कहा कि देश में दो महीने तक बारिश के मौसम के कारण फसल और चारे को बहुत नुकसान हुआ, जिससे दूध और दूध संबंधी उत्पादों की प्राप्ति में 10 से 15% की कमी आई है।
IICMA का मानना है कि अगर मौजूदा स्थिति बनी रहती है तो आइसक्रीम उद्योग के लिए अपना अस्तित्व बचाना बहुत कठिन हो जाएगा और इससे निम्न स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं:
- मौजूदा स्थिति और कीमतों में तीव्र बढ़ोत्तरी से SMP में बड़े पैमाने पर मिलावटखोरी हो सकती है
- अनेक आइसक्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट निर्माता उद्योग बंद होने से सरकार को GST का नुकसान हो सकता है
- उन्होंने यह भी कहा कि आइसक्रीम निर्माता कंपनियों को निम्न स्थितियों का भी सामना करना पड़ सकता है:
- आइस-क्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट की कीमतों में लगातार वृद्धि
- दैनिक धन प्रवाह प्रभावित होगा
- मंदी आएगी और आइसक्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट का उत्पादन कम हो जाएगा
- इसलिए अनेक फ्रोजन डेज़र्ट निर्माता कंपनियां बैंकों की डिफॉल्टर हो सकती हैं
आइसक्रीम निर्माताओं को भारी नुकसान का सामना करना होगा। फलस्वरूप, उन्हें बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ सकती है।
IICMA ने 65000 MT का बफर स्टॉक बनाने का प्रस्ताव किया है जो कीमतों को स्वीकार्य स्तर पर बनाए रखने/घटाने के लिए बाजार को स्थिर करने के लिए उपयोग किया जाएगा। अधिकता की स्थिति में कीमतें लाभकारी स्तर से नीचे आने पर आती हैं, तो सरकार SMP खरीदने के लिए कदम उठा सकती है और किसानों के हितों का संरक्षण करने के लिए बाजार में स्थिरता लाने हेतु बफर स्टॉक का उपयोग कर सकती है। इस प्रकार से किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों का ख्याल रखते हुए दूध और SMP की कीमतें एक स्वीकार्य कीमत सीमा में रखी जा सकती हैं और ऐसी स्थिति बनाई जा सकती है जिसमें सभी पक्षों को लाभ हो। IICMA का मानना है कि इस तरह का बफर स्टॉक मध्य फरवरी तक बना लिया जाना चाहिए और व्यापक रूप से मीडिया में प्रकाशित किया जाना चाहिए ताकि निर्माताओं और व्यापारियों द्वारा SMP की जमाखोरी को पूरी तरह से हतोत्साहित किया जा सके।
इसलिए IICMA ने माननीय मंत्री जी से 65000 मीट्रिक टन SMP आयात की व्यवस्था करने का अनुरोध किया जो लगभग 45 दिनों में देश में आना शुरू हो सकता है ताकि मध्य फरवरी तक देश में स्टॉक उपलब्ध हो सकें। और इससे आइसक्रीम निर्माताओं को इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा जैसा कि प्याज के मामले में हुआ जिसमें बहुत देर से हस्तक्षेप किया गया और आयात करने से पहले कीमतें काफी ऊंचे स्तर तक पहुंच चुकी थीं।
IICMA की ओर से IICMA के अध्यक्ष Mr. Rajesh Gandhi ने कहा कि निम्न बिंदु मौजूदा स्थिति में सुधार कर सकते हैं:
- "आर्थिक उदारीकरण वर्तमान समय की मांग और आवश्यकता है जैसे कि डेयरी सेक्टर को आयात निर्यात की अनुमति देकर वैश्विक बाजार के लिए खोला जाना चाहिए। इससे न केवल निर्यात का अवसर मिलेगा बल्कि अनेक लोग पशुपालन व्यवसाय करने के लिए भी प्रोत्साहित होंगे, जिससे अंततः किसानों की वार्षिक आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।"
- "Skimmed Milk Powder (SMP), Whole Milk Powder (WMP), बटर और बटर ऑयल (फैट) का आयात डि्यूटी फ्री योजना के तहत करने से बहुत मदद मिलेगी क्योंकि स्टॉक उपलब्ध न होने के कारण भारत में पूरा आइसक्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट उद्योग प्रभावित होने वाला है।"
Indian Ice-Cream Manufacturers Association (IICMA) के बारे में:
आइसक्रीम निर्माताओं के राष्ट्रीय संघ के रूप में The Indian Ice-Cream Manufacturers Association की स्थापना 2011 में हुई। यह भारत में आइसक्रीम और फ्रोजन डेज़र्ट उद्योग की भावी सफलता सुनिश्चित करने के ध्येय वाला एक पेशेवर अ-लाभकारी संगठन है। भारतीय आइसक्रीम उद्योग अत्यधिक असंगठित है। IICMA के सदस्य पूरे भारत में मौजूद हैं। https://iicma.in/
मीडिया संपर्क:
Sudhir Shah
सचिव - IICMA
ईमेल आईडी: [email protected]
टेलीफोन: +91-98490-25027
Anuvrat Pabrai
नियामक समिति के सदस्य - IICMA
ईमेल आईडी: [email protected]
टेलीफोन: +91-98300-43772
Samrat A. Upadhyay
महासचिव - IICMA
ईमेल आईडी: [email protected]
टेलीफोन: +91-73833-54764
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