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Rockefeller Foundation और The/Nudge Institute ने भारत में छोटे किसानों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर प्रकाश डाला, जिससे लचीले समाधानों का मार्ग प्रशस्त हुआ।
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News provided by

The Rockefeller Foundation

05 Jul, 2023, 19:40 IST

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जलवायु संबंधी चुनौतियों के कारण पिछले तीन वर्षों में 70% छोटे किसानों की फसल 50% या उससे अधिक नष्ट हो गई है 

नई दिल्ली, 5 जुलाई, 2023 /PRNewswire/ -- Rockefeller Foundation and The/Nudge Institute ने अपनी 'Smallholder Farmers and Climate Change – Voices from the Field' रिपोर्ट के नए निष्कर्षों की घोषणा की है, जो बताते हैं कि जलवायु संबंधी चुनौतियां कैसे पूरे भारत में छोटे किसानों को प्रभावित कर रही हैं साथ ही ये जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बनाने के अवसरों का आकलन करते हैं। रिपोर्ट भारत के छह राज्यों - मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश - पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य कृषि पद्धतियों (जैसे, फसल चक्र, वर्षा पूर्वानुमान का उपयोग), रसायनों (जैसे कीटनाशक) के उपयोग में परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन के परिणामों से निपटने को लेकर किसान परिवारों के दृष्टिकोण को समझना है।

रिपोर्ट के प्र मुख निष्कर्षों में शामिल हैं :

  • छोटी जोत वाले किसान बार‍िश में परिवर्तनशीलता व कीटों तथा बीमारियों के बढ़ने को खेतीबाड़ी में अपनी शीर्ष चुनौतियों के रूप में देखते हैं।
  • 74% छोटे किसानों ने कहा कि कीट और बीमारियां बढ़ गई हैं और 77% ने कहा कि खरपतवार बढ़ गए हैं।
  • छोटे किसानों मेंमें क्रमश: 76% और 54% के ल‍िए कीटनाशकों के छिड़काव के मामले और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग दोगुने से अधिक हो गया है।
  • 60% से अधिक छोटे किसान मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए फसल चक्र और कृषि खाद जैसे व्‍यवहार के बारे में जानते हैं और पहले से ही उन्हें लागू कर रहे हैं। पांच में से तीन छोटे किसान अपनी कृषि गतिविधियों की योजना बनाने के लिए सक्रियता से मौसम की जानकारी ले रहे हैं और उसका उपयोग कर रहे हैं।
  • कृषि प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण अब खेती में किसानों के समय की बचत हो रही है: खरपतवारनाशी के उपयोग के कारण 55% महिलाओं को मेहनत वाले निराई-गुड़ाई के काम में अब पहले जितनी मेहनत नहीं करनी पड़ती जबकि ट्रैक्टरों के उपयोग के कारण पुरुष कम समय खर्च कर रहे हैं। वे डेयरी फार्मिंग और मजदूरी जैसी कमाई वाली अन्‍य गतिविधियों में लगे हैं।  

यह रिपोर्ट उन लोगों के संदर्भ में भाषा का उपयोग करती है जिनकी फाउंडेशन भारत में सेवा करता है। इन छोटे या सीमांत किसानों की कुल संख्‍या 22 मिलियन है और परिभाषा के अनुसार - जिनके पास 1-2 एकड़ सिंचित भूमि या 3-7 एकड़ वर्षा आधारित भूमि है - और जिनके लिए कृषि उनका प्राथमिक व्यवसाय है। व्‍यावहार‍िक रूप से, खेती या इससे जुड़ा जमीनी काम करने वाले लोग, जो उस जमीन के मालिक नहीं हैं, "किसानों" की परिभाषा से बाहर रखे जाते हैं। उस स्थानीय भेद का अनुसरण करते हुए, रिपोर्ट में उन "जीवनसाथियों" से विश्लेषण भी शामिल है जो बड़े पैमाने पर खेत पर काम करते हैं लेकिन कानूनी तौर पर उन्हें छोटे धारक किसान नहीं माना जाता है, और देश भर में पुरुष और महिला सीमांत किसानों के बीच अंतर को समाप्‍त करता है।

"छोटी जोत वाले किसान भारत के कृषि परिदृश्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, हालांकि, जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ अवसरों तक सीमित पहुंच, उनकी आजीविका को खतरे में डाल रही है," The/Nudge Institute के अध्‍यक्ष,आशीष करमचंदानी ने कहा। "Rockefeller Foundation का समर्थन हमें इन गंभीर मुद्दों के समाधान की दिशा में काम शुरू करने में सक्षम बनाने में सहायक रहा है। हम नवीन समाधानों के ल‍िए अनुसंधान कर रहे हैं और अपने प्रयासों को बढ़ा रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि छोटे किसानों की उनके ल‍िए जरूरी संसाधनों, ज्ञान और उपकरणों तक पहुंच हो।

Rockefeller Foundation का लक्ष्य भारत में पुनर्योजी व पौष्टिक खाद्य प्रणालियों के परीक्षण और स्केलिंग पर रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी को अपने काम में एकीकृत करना है, और छोटे किसानों के अनुभवों को नीति निर्माताओं तक पहुंचाते हुए खाद्य प्रणालियों की वास्तविक लागत पर साक्ष्य बनाने की दिशा में अपने अन्य प्रयासों को मजबूत करना है, इस प्रकिया में छोटे किसानों के अनुभवों को नीति निर्माताओं व प्रमुख खेती, व्यवसाय तथा विज्ञान-आधारित संगठनों में प्रमुख लोगोंं तक पहुंचाना भी शामिल है।

"इस रिपोर्ट के निष्कर्ष भारत में छोटे किसानों का समर्थन करने के नए रास्ते बनाने का आह्वान हैं। उनके सामने आने वाली जलवायु संबंधी चुनौतियों पर प्रकाश डालकर, हम ऐसे लक्षित समाधान व हस्तक्षेप विकसित कर सकते हैं जो उन्हें अनुकूलन और फलने-फूलने में सक्षम बनाएं , The Rockefeller Foundation में उपाध्‍यक्ष (एशिया क्षेत्रीय कार्यालय) दीपाली खन्ना ने कहा। "इन जानकारियों को अपनी पहल में एकीकृत करके, हम लाखों लोगों की आजीविका का समर्थन करने वाली लचीली व टिकाऊ खाद्य प्रणालियां बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं।"

औपचारिक क्षेत्र और कृषि-प्रौद्योग‍िकी कंपनियों का लक्ष्‍य आम तौर पर मध्यम व बड़े किसान होते हैं, न क‍ि छोटे (सीमांत) किसान। यह अनुसंधान छोटे किसानों के लिए समाधान का प्रोटोटाइप (हस्तक्षेपों की पहचान करना, व्यवसाय मॉडल विकसित करना और समाधानों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान करना) बनाने, प्रचार (कई कंपनियों को समाधानों का उपयोग करने में सक्षम बनाना, भौगोलिक क्षेत्रों, फसलों और किसान क्षेत्रों का विस्तार करना) करने व प्रसार (हस्तक्षेपों को बड़े पैमाने पर सक्षम करना) करने में मदद करेगा।

इस रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।

The Rockefeller Foundation के बारे में Rockefeller Foundation विज्ञान, प्रौद्योगिकी व नवाचार के मोर्चे पर सहयोगात्मक साझेदारी पर बना अग्रणी परोपकारी संगठन है जो व्यक्तियों, परिवारों तथा समुदायों को फलने-फूलने में सक्षम बनाता है। हम मानवता की भलाई को बढ़ावा देने और अवसरों को सार्वभौम‍िक तथा टिकाऊ बनाने के लिए बड़े दांव लगाते हैं। हमारा ध्यान सभी के लिए नवीकरणीय ऊर्जा बढ़ाने, आर्थिक गतिशीलता को प्रोत्साहित करने और स्वास्थ्य देखभाल व पौष्टिक भोजन तक समान पहुंच सुनिश्चित करने पर है। अधिक जानकारी के लिए, हमारे न्यूजलेटर हेतु www.rockefellerfoundation.org पर साइन अप करें तथा Twitter पर हमें @RockefellerFdnफॉलो करें।

The/Nudge Institute के बारे में 
The/Nudge Institute, एक एक्शन इंस्टीट्यूट है जो हमारे जीवनकाल में गरीबी मुक्त भारत की दिशा में काम कर रहा है। हम अपने सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्‍योरश‍िप (CSDE), सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट (CRD) और सेंटर फॉर सोशल इनोवेशन (CSI) के माध्यम से सभी के लिए लचीली आजीविका का निर्माण करने के लिए सरकारों, बाजारों और नागरिक समाज के साथ साझेदारी करते हैं। और अधिक जानकारी के लिए, देखेंhttps://www.thenudge.org/ 

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