Jindal Global University को ऑनलाइन अपराधों का सामना करने के संबंध में वियना में आयोजित UN पैनल में निमंत्रित किया गया
सोनीपत, भारत और वियना, May 30, 2017 /PRNewswire/ --
जैसे-जैसे ऑनलाइन संवाद और डिजिटल लेनदेन दुनिया भर में एक क्रांति ला रहे हैं, वैसे-वैसे डिजिटल जालसाजी, साइबर घुसपैठ, यौन उत्पीड़न और ऑनलाइन धोखाधड़ी के खतरे भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
O.P. Jindal Global University (JGU) के Jindal Institute of Behavioural Sciences (JIBS) को हाल ही में वियना में आयोजित Commission on Crime Prevention and Criminal Justice (CCPCJ) के 26वें सत्र में इन खतरों को उजागर करने हेतु नेतृत्व करने का अवसर मिला। World Society of Victimology और Centro Nationale de Prevenzione e Difesa Sociale के सहयोग से आयोजित 'Victims of Online Communication' ('ऑनलाइन संवाद के शिकार') और 'Psychosocial and Cultural Aspects leading to Digital Piracy' ('डिजिटल जालसाजी के प्रेरक मनोसामाजिक और सांस्कृतिक पहलू') विषयों पर आयोजित इस द्विपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाली JGU अकेली यूनिवर्सिटी रही।
32 देशों से सदस्य राज्यों, सिविल सोसाइटी, अकादमिक जगत और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1,000 से अधिक प्रतिभागियों ने CCPCJ के 26वें सत्र में भाग लिया जो United Nations Office on Drugs and Crime (UNODC) (संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय) के प्रशासकीय निकाय के रूप में कार्य करता है।
फोरम की शुरुआत एक उच्चस्तरीय उद्घाटन सत्र से हुई जिसके बाद थीम आधारित बहसें, अपराध निरोधक रणनीतियों के परीक्षण और कानून के शासन के समर्थन में जन सहभागिता, सामाजिक नीतियों तथा शिक्षा आदि पर चर्चाएं हुईं। CCPCJ के साथ कार्यक्रमों में स्वास्थ्य और न्याय, प्रवासियों द्वारा तस्करी, शांतिपूर्ण और समावेशी समाजों को सुदृढ़ बनाना, साइबर अपराध, धारणीय विकास के लक्ष्य, शहरी अपराध रोकथाम, कारागार, कंटेनर कंट्रोल और महिला हत्या आदि विषय सम्मिलित थे।
Dr. Sanjeev P. Sahni, प्रिंसिपल डायरेक्टर, JIBS, ने ऑनलाइन अपराधों के विविध स्वरूपों पर प्रकाश डाला जिनमें साइबरस्टॉकिंग, साइबरबुलींग, सेक्सटॉर्शन, पोर्नोग्राफी और ऑनलाइन धोखाधड़ी आदि शामिल थे। उन्होंने डिजिटल जालसाजी संबंधी कानूनों की जटिलताओं का उल्लेख करते हुए डिजिटल जालसाजी के विविध आयाम समझने के लिए गहन शोध और प्रशिक्षण की ज़रूरत पर बल दिया।
Michael O' Connell, कमिश्नर फॉर विक्टिम्स राइट्स, दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया सरकार, ने ऑनलाइन संवाद की कानूनी और नैतिक जटिलताओं पर चर्चा की और कहा कि ऑनलाइन घोटालों का प्रमुख रूप से किशोर ही शिकार होते हैं। फोरम में बोलते हुए Sarah Fletcher, डिप्टी कमिशनर, World Society of Victimology ने ऑनलाइन संवाद के पीड़ितों के अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पीड़ितों के लिए वित्तीय संस्थानों से सहायता के अलावा, घोटाले के पश्चात हस्तक्षेप के महत्त्व पर जोर दिया।
Dr. Indranath Gupta, एसोसिएट प्रोफेसर, Jindal Global Law School, ने डिजिटल जालसाजी रोकने के लिए उपलब्ध कानूनी उपायों और उनकी खामियों पर बात की। उन्होंने डिजिटल जालसाजी की समस्या का सामना करने के लिए कानूनों को कड़ाई से लागू करने के साथ नागरिकों के बीच सामान्य जागरूकता बढ़ाने का भी सुझाव दिया।
Ms. Garima Jain, असिस्टैंट डायरेक्टर, Centre for Victimology and Psychological Studies of JIBS, ने 'Internet Infidelity: Victims of Digital Age' ('इंटरनेट धोखाधड़ी: डिजिटल युग के शिकार') और 'Psychosocial and Cultural aspects affecting Digital Piracy in India, Serbia and China' ('भारत, सर्बिया और चीन में डिजिटल जालसाजी को प्रभावित करने वाले मनोसामाजिक और सांस्कृतिक पहलू') विषयों पर एक आनुभविक अध्ययन प्रस्तुत किया। इस अध्ययन में बताया गया कि लोग साथियों के प्रभाव, सामाजिक पृथक्करण, या घनिष्ठ रिश्तों में मनोवैज्ञानिक तनावों के कारण ऑनलाइन धोखाधड़ी में लिप्त होते हैं।
UNODC, जो कि गैरकानूनी मादक दवाओं और अंतर्राष्ट्रीय अपराधों का सामना करने की दिशा में वैश्विक अग्रणी है, की स्थापना United Nations Drug Control Programme (संयुक्त राष्ट्र मादक द्रव्य नियंत्रण कार्यक्रम) और Centre for International Crime Prevention (अंतर्राष्ट्रीय अपराध निरोध केंद्र) के विलय द्वारा 1997 में हुई थी जो अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से विश्व के सभी क्षेत्रों में कार्य करता है। Commission on Crime Prevention and Criminal Justice (CCPCJ) की स्थापना Economic and Social Council (ECOSOC) प्रस्ताव 1992/1 द्वारा की गई थी। यह कमीशन, अपराध रोकथाम और आपराधिक न्याय के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख नीतिनिर्धारक निकाय के रूप में कार्य करता है।
Jindal Institute of Behavioural Sciences (JIBS) के विषय में:
Jindal Institute of Behavioural Sciences (JIBS), O.P. Jindal Global University का एक मूल्य आधारित शोध संस्थान है जो सामाजिक विज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य, सक्षमता मापन, तंत्रिका विज्ञान, तंत्रिकीय निर्णय विज्ञान, बोधात्मक विज्ञान, मनोजैविक प्रबंधन विज्ञान, फोरेंसिंक विज्ञान, सामाजिक मनोविज्ञान, आपराधिक व्यवहार आदि व्यापक क्षेत्रों पर फोकस करते हुए सैद्धांतिक और व्यावहारिक व्यवहारगत विज्ञान से संबंधित सतत प्रयोग, शोध व शिक्षण के माध्यम से मानव प्रक्रम सक्षमताएं समझने, विकसित करने व प्रयुक्त करने के प्रति समर्पित है।
मीडिया संपर्क:
Kakul Rizvi
Additional Director, Communication and Public Affairs
O.P. Jindal Global University
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